मिलिट्री स्कूल में छठी से 12वीं कक्षा के कैडेट्स भी सीखेंगे ड्रोन तकनीक, रोबोटिक्स लैब भी शुरू होगी
सेना के ड्रोन एक्सपर्ट सिखायेंगे मिलिट्री स्कूल के कैडेट्स को
सेना के ड्रोन एक्सपर्ट: मेडिकल व कृषि क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों के अलावा पुलिस, पैरा मिलिट्री व मिलिट्री फोर्सेज में ड्रोन के बढ़ते उपयोग के चलते अब स्कूल-कॉलेजों में अध्ययन के दौरान विद्यार्थियों को ड्रोन तकनीक से अवगत कराया जा रहा है। देश की पांच स्कूलों में से एक अजमेर की राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में छठी से 12वीं कक्षा के कैडेट्स को ड्रोन ब एंटी ड्रोन तकनीक की बारीकियां सिखाई जाएंगी। स्कूल में अगले सप्ताह से रोबोटिक्स लैब शुरू लगा लैब में छोटे बच्चों को ड्रोन बनाने से लेकर एसेंबल करने तक की प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी।
ड्रोन के दुरुपयोग को रोकने के लिए सिखाएंगे एंटी ड्रोन तकनीक
नशीले पदार्थों की तस्करी और हथियार सप्लाई में आतंकी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे कई मामले बॉर्डर एरिया और लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) में सामने आ चुके हैं। पिछले दिनों ही बीएसएफ ने सीमा क्षेत्र में Pakistan से नशीला पदार्थ लेकर पहुंचे एक ड्रोन को एंटी ड्रोन तकनीक से ध्वस्त किया था। कश्मीर में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। ड्रोन के बढ़ते दुरुपयोग के नियंत्रण पर जी-20 शिखर सम्मेलन में भी चर्चा की गई थी। इसी क्रम में अब खासतौर से मिलिट्री स्कूल के कैडेट्स को एंटी ड्रोन तकनीक सिखाई जाएगी। कैडेट्स को बताया जाएगा कि कैसे किसी ड्रोन को एंटी ड्रोन तकनीक से नीचे गिराया जाता है।
सेना के ड्रोन एक्सपर्ट देंगे ट्रेनिंग
प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल अमरदीप सिंह ने कहा कि सेना के ड्रोन एक्सपर्ट कैडेट्स को बेसिक ब॒ फंडामेंटल ट्रेनिंग देंगे। कैडेट्स को ड्रोन सर्किट बनाना सिखाया जाएगा। उन्हें नसीराबाद कैंट ले जाकर सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन दिखाए जाएंगे। लैब में ड्रोन बनाने से लेकर जोड़ने तक की तकनीक के बारे में कैडेट्स को जानकारी दी जाएगी।