Vajra Corps flags off Rashtriya Military School, Chail Centenary Celebrations’ Ultra Marathon
RMS Chail Centenary Ultra Run Flagged Off
Jalandhar, November 7, 2024 (babushahi.com): The Centenary celebrations of Rashtriya Military School, Chail (RMS Chail), the oldest Military School in the country, kicked off with a 242-Kilometer Ultra Marathon from Jalandhar, where it was first established in 1925, to its present location at Chail in the Solan district of Himachal Pradesh.
The Ultra Marathon was flagged off by Lt Gen Ajay Chandpuria, AVSM, VSM General Officer Commanding (GOC), Vajra Corps, from the historical venue at Jalandhar, in the presence a large number of Georgians, which is a popular name for alumni of King George’s Royal Indian Military College / Rashtriya Military Schools amongst the Armed Forces fraternity.
Addressing the Runners and alumni of the school, the GOC congratulated the Rashtriya Military School, Chail for a century of yeoman service to the Nation and conveyed best wishes to the school for continuing to nurture the future generations for the Indian Armed Forces.The Ultra Marathon will pass through Balachaur, Pinjore and Solan before culminating at the highest cricket ground of the world situated at 7000 feet at Chail.
The school rechristened as Rashtriya Military School, Chail with effect from June 25, 2007 prepares cadets for entry into the Defence Services as officers after completion of 10+2.
आरएमएस चायल के शताब्दी समारोह का ‘अल्ट्रा मैराथन’ से भव्य आगाज
मिलिट्री स्कूल चायल के नाम से जाना जाने लगा। अब यह विद्यालय 25 जून 2007 से राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, चायल के रूप में प्रसिद्ध है। यहां कैडेट्स को रक्षा सेवाओं में प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली के तहत वरिष्ठ विद्यालय प्रमाणपत्र शिक्षा (10+2) योजना की पढ़ाई भी कराई जाती है।
विद्यालय के प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों में परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन जीएस सलारिया (मरणोपरांत), मिलिट्री क्रॉस विजेता मेजर जनरल सिरी कांत कोरला, महावीर चक्र, वीर चक्र और कीर्ति चक्र विजेता लेफ्टिनेंट जनरल जोगिंदर सिंह घरया, महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर राय सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल रणजीत दयाल और लेफ्टिनेंट जनरल आनंद सरूप शामिल हैं। इसके अलावा, कई पूर्व छात्र कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित हैं।
सशस्त्र बलों के अलावा, विद्यालय के पूर्व छात्रों ने राज्यपाल और उप-राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर भी अपनी पहचान बनाई है। इसके पूर्व छात्रों ने पर्वतारोहण, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, उद्यमिता, मीडिया, व्यापार, कानून और प्रशासनिक क्षेत्रों में भी अपनी पहचान स्थापित की है।